देश के किसी शहर मे किसी
महिला के साथ बलात्कार होता है तो
मोमबत्तियां लिए एक सैलाब सड़कों पर आ जाता है | नारे,
धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला ही चल पड़ता है और भारतीय मीडिया तो वहां अपना तम्बू ही
गाड़ देता है | टीवी न्यूज चैनलों पर तीखी बहसें शुरू हो जाती हैं | लेकिन
जब पूरे समाज के साथ बलात्कार होता है तब कहीं कुछ नहीं | एकदम
खामोशी | बल्कि उस सिनेमाई बलात्कार को प्रयोगवादी फिल्म का टैग लगा कर और
महिला सशक्तिकरण से जोड़ कर उसे सही ठहराने की पुरजोर कोशिश की जाती है |
पिछले वर्ष प्रदर्शित विवादास्पद फिल्म “ लिपस्टिक अंडर माए
बुर्का “ और अभी सिनेमाहालों मे चल रही “
वीरे द वेडिंग “ यह सोचने के लिए मजबूर करती है की आखिर देश मे हम किस तरह के
महिला सशक्तीकरण की वकालत कर रहे हैं या कहें सपना संजो रहे हैं |
यह इत्तफाक ही है की पॉर्न फिल्मों को भी पीछे छोड देने वाली तथाकथित
प्रयोगवादी फिल्म “ लिपस्टिक अंडर माए बुर्का “ और वीरे द वेडिंग , दोनों
मे चार महिला चरित्रों की कहानी है जो जिंदगी को अपने तरीके से जीना चाहती हैं | लेकिन दोनों फिल्म देख लीजिए “ जीने की अलग ललक “ के नाम पर सिर्फ और सिर्फ सेक्स
फंतासी है जिसे पूरी फूहड़ता के साथ फिल्माया गया है | “
लिपस्टिक ........... मे अगर सेक्स आजादी के नाम पर खुले द्र्शय हैं तो वीरे द
वेडिंग मे साक्षी की भूमिका मे स्वरा
भास्कर ने जो अश्लील संवाद बोले हैं उससे तो बेशर्मी भी शर्मा जा जाए | सड़क छाप
सेक्स संवादों से लबरेज इस फिल्म ने उन सेक्स उपकरणों से भी लड़कियों को परिचित करा दिया जिन्हें
वह अभी तक जानती न थीं |
अब
एक सवाल उन तथाकथित प्रगतिशील लोगों से भी जो यह मानते हैं की पुरूषों /लड़कों के बारे
मे तो इस तरह के सवाल नही उठाए जाते, तो फिर महिलाओं या लड़कियों के बारे मे ही क्यों ? उनसे यही
कहना है की वे अपने किशोर या युवा बच्चों के साथ इस फिल्म को देखने जरूर जाएं और फिर
इस तरह के फिल्मों की वकालत करें | समझ मे आ जाएगा की यह फिल्मे महिला आजादी के नाम पर क्या
परोस रही हैं |
सवाल यह है कि यह किस तरह का महिला सशक्तीकरण है जो इन फिल्मों
मे सिर्फ सेक्स के इर्द गिर्द ही घूम रहा है | या फिर इस बहाने सेक्स परोस
कर पैसा कमाने का प्रयास भर है ? अगर यही महिला आजादी का शंखनाद है तो अब वह समय
ज्यादा दूर नही जब स्कूली लड़कियां भी अपने बस्तों मे कंडोम के पैकेट लेकर घूमती
मिलेंगी | बेटियां बचानी है तो इस
सिनेमाई नंगई के विरोध मे भी मोमबत्तियां जलानी होंगी |